Monthly Archives: May 2007

आसमाँ के पार (Aasamaan ke paar – Rockford)

A beautiful song composed by Shankar-Ehsaan-Loy and sung by Shankar Mahadevan.
Lyrics by Gulzar

सन सना ता रा रे रारा सन सना

आसमाँ के पार शायद और कोई और आसमाँ होगा
बादलों के परबतों पर कोई बारिश का मकाँ होगा

ओ... मैं हवा के परों पे कहाँ जा रहा हूँ कहाँ
कभी उडता हुवा कभी मुडता हुवा मेरा रास्ता चला
ओ हो हो हो
ओ... मैं हवा के परों पे कहाँ जा रहा हूँ कहाँ

मेरे पाँव के तले की ये ज़मीन चल रही हैँ

कहीं धूप ठंडी ठंडी कहीं छाँव जल रही हैँ

इस ज़मीं का और कोई आसमाँ होगा

होगा... आसमाँ ...

हो आसमाँ होगा

मैं हवा के परों पे कहाँ जा रहा हूँ कहाँ

इन लम्बे रास्तोँ पर सब तेज़ चलते होंगे

Copy के पन्नों जैसे यहाँ दिन पलटते होंगे

शाम को भी सुबह जैसा क्या समा होगा

होगा.... क्या समा....
हो.. क्या समा होगा

मैं हवा के परों पे कहाँ जा रहा हूँ कहाँ